पंजाब की सभी 23 जिलों में बाढ़ आ गई है। 1,655 गांव में 3.55 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित है। राज्य की सभी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी की छुट्टियां 3 सितंबर से बढाकर 7 सितंबर तक कर दी गई है। 1 अगस्त से 3 सितंबर तक बाढ़ में 37 लोगों की मौत हुई है। पठानकोट में 3 लापता है।

हरियाणा के कई इलाके भी बाढ़ में डूबे हैं। राज्य में 11 लोगों की मौत हुई है। हिसार , पंचकूला, अंबाला और रोहतक में सभी स्कूल बंद कर दी गई हैं। दिल्ली से पानी छोड़ने से फरीदाबाद में यमुना खतरे के निशान पर पहुंच गई है। इधर दिल्ली में यमुना का पानी शहर के अंदर घुस गया हैं। गुरुवार सुबह मोनेस्ट्री मार्केट में सड़क पर 1 फीट तक पानी भर गया। मयूर विहार फेज–1 के पास बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बने राहत शिविरों में यमुना का पानी भर गया है। अलीपुरम नेशनल हाईवे–44 पर फ्लाईओवर का एक हिस्सा धस गया है।

हिमाचल के कुल्लू में गुरुवार सुबह लैंड स्लाइडिंग से दो घर ढह गए हैं। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई है। 6 लोग अंदर फस गए हैं । कुल्लू में बुधवार को भी लैंडस्लाइडिंग हुई थी। मालवे में दबे एक NDRF जवान को 24 घंटे बाद आज रेस्क्यू किया गया।

सुप्रीम कोर्ट में बाढ़–बारिश से हालत खराब होने पर गुरुवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर और पंजाब को नोटिस भेजा है और तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा की पहाड़ियो में पेड़ों की अवैध कटाई कि इसलिए प्रकृति हमसे बदला ले रही है।
“पंजाब अब केवल बाढ़ से नहीं लड़ रहा, बल्कि वे भविष्य के लिए टिकाऊ और अधिक सतत तैयारियों के लिए लड़ाई लड़ रहा है।”