उत्तराखंड के केदारनाथ में रविवार तड़के एक दुखद घटना हुई। केदारनाथ मार्ग पर एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हेलीकॉप्टर में 7 लोग सवार थे। सभी की मौत हो गई है। खराब मौसम के कारण यह हादसा गौरीकुंड और त्रिजुगीनारायण के बीच हुआ। दुर्घटनाग्रस्त हुआ हेलीकॉप्टर आर्यन कंपनी का था।
रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने भाषा को बताया कि यह दुर्घटना गौरीकुंड के जंगलों के ऊपर हुई। इस दुर्घटना में मरने वालों में पायलट और एक शिशु भी शामिल है। उन्होंने बताया कि सुबह लगभग साढ़े पांच बजे हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी और अचानक यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। रजवार ने कहा कि ऐसा अनुमान है कि खराब मौसम के कारण दृश्यता कम होने की वजह से यह हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि राहत और बचाव दल भेजे गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर एक संदेश में कहा कि हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने का अत्यंत दुखद समाचार मिला है और राज्य आपदा प्रतिवादन बल सहित अन्य एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं।
मरने वालों में ये शामिल
1.राजवीर-पायलट
2.विक्रम रावत बीकेटीसी निवासी रासी ऊखीमठ
3.विनोद – उत्तर प्रदेश
4.तृष्टि सिंह – उत्तर प्रदेश
5.राजकुमार – महाराष्ट्र
6.श्रद्धा (35) – महाराष्ट्र
7. काशी बालिका (2) – महाराष्ट्र
जून के पहले सप्ताह में हादसा होने से बचा था
बता दें कि जून के पहले सप्ताह में भी हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी के कारण उसको इमरजेंसी लैंड कराना पड़ा था। यह हेलीकॉप्टर केदारनाथ धाम यात्रियों को लेकर जा रहा था। हेलीकॉप्टर में पांच यात्री, पायलट और सह-पायलट सवार थे। इस दौरान सह-पायलट को मामूली चोटें आई थीं। यह हेलिकॉप्टर बड़ासु हेलीपैड से उड़ान भरने के तुरंत बाद आपातकालीन लैंडिंग करने पर मजबूर हुआ था। हेलीकॉप्टर क्रिस्टल एविएशन कंपनी का था।
🔁 हालात और अन्य घटनाएँ
यह मई–जून के बीच पांचवें हेलीकॉप्टर हादसे का मामला है, जिसमें पिछले 40–45 दिनों में सीमा पर एक और मिसाइल लैंडिंग, एक क्रैश-लैंडिंग और दो दुर्घटनाएँ हो चुकी हैं। जून की शुरुआत में एक अन्य हेलीकॉप्टर को रोड पर इमरजेंसी लैंड करना पड़ा था, लेकिन कोई हानि नहीं हुई।
🛡 प्रशासन और आगे की कार्रवाई
DGCA और UCADA ने चार धाम हेलिकॉप्टर सेवाओं पर सख़्त नियंत्रण लगाया और उड़ानों को आधे कर दिया है ।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिक्रिया दी, और एक तकनीकी व जांच समिति का गठन किया गया है ताकि उड़ान सुरक्षा नियमों की समीक्षा हो सके ।
केदारनाथ के पहाड़ों पर छाई धुंध, सिर्फ मौसम का सिरदर्द नहीं—यह उस मायूसी की भी तस्वीर है जो यात्रियों की फ़ौरी स्वास्थ्य सुरक्षा की अनदेखी को दर्शाती है। तकनीकी खामियाँ इतनी बार पांव क्यों जमाती रही चार धाम रूट पर? हर साल हजारों श्रद्धालुओं की उम्मीद उड़ान भरती है, लेकिन दोषों का काला बादल क्यों छाया रहता है?अब जब सरकार ने जांच और SOP सुधारों का पिटारा खोला है, तो उम्मीद यही करनी चाहिए कि सिर्फ रेटिंग नहीं, बल्कि रक्षा को बढ़ावा मिलेगा।