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🌧️ उत्तराखंड में बादल फटने की त्रासदी: 11 जवान लापता, राहत कार्य बाधित

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित हर्षिल घाटी में बीती रात एक भीषण क्लाउडबर्स्ट (बादल फटना) हुआ, जिससे इलाके में अचानक आई फ्लैश फ्लड (अचानक बाढ़) ने तबाही मचा दी। इस आपदा में ITBP (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) के 11 जवान लापता हो गए हैं, जिनकी तलाश के लिए बड़े स्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है।

📍 हादसे की रात?

यह घटना मनेरी और धराली गांवों के बीच की ऊँचाई वाली घाटी पर करीब रात 2:30 बजे घटित हुई है।

तेज बारिश के चलते हर्षिल घाटी में क्लाउडबर्स्ट हुआ। नाले उफान पर आ गए और अचानक आई बाढ़ ने ITBP के कैंप को अपनी चपेट में ले लिया।

11 जवान बाढ़ में बह गए, कई अस्थाई ढांचे ध्वस्त, और कई वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए।

🛑 राहत और बचाव कार्य में क्या दिक्कतें आ रही हैं?

बारिश रुकने के बाद भी भूस्खलन और सड़क टूटने के कारण राहत दल को घटनास्थल तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है।

ITBP, SDRF और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयास से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। हेलीकॉप्टर से बचाव दलों को हवाई निगरानी में भेजा गया है।

🗣️ प्रशासन और सेना की प्रतिक्रिया

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि “लापता जवानों की तलाश हमारी पहली प्राथमिकता है। NDRF और सेना की मदद ली जा रही है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया और तत्काल राहत कार्य तेज़ करने के निर्देश दिए हैं।

हर्षिल एक सुंदर लेकिन भूस्खलन-प्रवण क्षेत्र है जो भारत-चीन सीमा के निकट स्थित है। यहां हर साल मानसून के दौरान भारी वर्षा और बादल फटने जैसी घटनाएं होती रहती हैं। इसके पास गंगोत्री धाम भी है, जिससे यात्रा पर आए तीर्थयात्री भी प्रभावित हो सकते हैं।

उत्तराखंड एक बार फिर से प्राकृतिक आपदा के संकट से जूझ रहा है। जहां एक ओर जवानों के लापता होने से देश चिंतित है, वहीं दूसरी ओर यह घटना एक बार फिर जलवायु परिवर्तन और पर्वतीय क्षेत्रों की संवेदनशीलता की ओर इशारा करती है। ज़रूरत है कि हम ऐसे क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को मज़बूत करें और सतर्कता बनाए रखें।

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